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जन्माष्टमी पर इन तीन मंदिरो का दर्शन करने से हर मनोकामना पुरी होती है

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद अष्टमी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के तीन रूपो का दर्शन करने से हर मनोकामना पुरी होती है जिस प्रकार नाम से ही प्रतीत हो रहा है कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था हिन्दू धर्म की आस्था के अनुसार इस दिन पुरे देश में औरते श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उपवास रखती है इस दिन औरते पुरे दिन भूखी रहकर रात को 12 बजे अपना व्रत खोलती है क्योंकि मान्यता है कि भाद्रपद अष्टमी के रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था 

भगवान श्री कृष्ण के तीन रूप- 
1. मदन मोहन जी के चरण करौली 
2. गोपीनाथ जी का कटिभाग जयपुर 
3. गोविंददेव जी का मुखारविंद जयपुर 

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक एक ही दिन में इन तीनों स्थानों करौली के मदन मोहन मन्दिर,  जयपुर के गोपीनाथ मंदिर और जयपुर के गोविंददेव जी मंदिर के दर्शन मात्र से पुरा जीवन सफल हो जाता है और प्रत्येक व्यक्ति की हर एक मनोकामना पुरी होती है 

1.मदन मोहन जी के चरण करौली - 


यह मदन मोहन जी का मंदिर करौली जिले में है इस मंदिर का निर्माण महाराजा गोपाल सिंह ने करवाया था यह मंदिर महाराजा गोपाल सिंह के किले "करौली किले" में स्थित है यहा भगवान श्री कृष्ण के चरणों की मूर्ति हैं 

2. गोपीनाथ जी का कटिभाग जयपुर - 


राजस्थान के जयपुर के चांदपोल में स्थित गोपीनाथ मंदिर का अलग ही नजारा है मान्यता है कि यह भगवान श्री कृष्ण का कटिभाग है इसके दर्शन पाकर लोग प्रसन्न होते हैं 

3. गोविंददेव जी का मुखारविंद जयपुर -


यह जयपुर का सबसे प्रसिद्ध बिना गुम्बज का एक मात्र मंदिर है जयपुर के आराध्य गोविन्द देवजी का विग्रह (प्रतिमा) भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरुप है। पौराणिक इतिहास, किवदंतियों और कथाओं की मानें तो यह कहा जाता है कि श्रीगोविन्द का विग्रह हूबहू भगवान श्रीकृष्ण के सुंदर और नयनाभिराम मुख मण्डल व नयनों से मिलता है।


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